SCSS: सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम :यह तो हम भली भांति जानते है की पोस्ट ऑफिस जिसे डाक घर भी कहा जाता है हमें कूरियर सर्विस, मनी ऑर्डर सर्विस के साथ साथ निवेश के विकल्प भी उपलब्ध करवाता है।
पोस्ट ऑफिस अपने ग्राहकों को कई तरह के शॉर्ट टर्म सेविंग स्कीम में निवेश करने का मौका देती है। ये बचत स्कीम बाजार के जोखिम से बिलकुल परे होते है। इनमें किसी प्रकार का रिस्क नहीं होता और साथ ही इनमें निवेश पर फिक्स्ड रिटर्न की गारंटी भी होती है।
तो अगर आपके घर में बुजुर्ग माता पिता है या आप स्वयं सीनियर सिटिजन की केटेगरी में आते है तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए बहुत ही काम की हो सकती है। इस ब्लॉग पोस्ट में सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) से जुड़ी सभी जानकारी हम आपके साथ साझा करेंगे। तो बने रहिये हमारे साथ और आइये शुरू करते है।
SCSS में कौन खाता खुलवा सकता है
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सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम खासतौर पर भारत में रह रहे वरिष्ठ नागरिकों के लिए भारत सरकार द्वारा 2004 में लांच किया गया था। जिसका मुख्य उद्देश्य था सीनियर सिटीजन को गारंटीड रिटर्न प्रदान करना।
इस स्कीम में केवल वे लोग ही निवेश कर सकते है जिनकी उम्र 60 वर्ष और उससे अधिक है। इस स्कीम में ऐसे लोग भी निवेश कर सकते है जिनकी उम्र 55 साल या उससे अधिक है लेकिन 60 साल से कम है और VRS ले चुके है।
SCSS में कितनी रकम के साथ निवेश शुरू कर सकते है
SCSS में केवल एक बार में एकमुश्त राशि निवेश किया जा सकता है। इसमें निवेश की मिनिमम राशि 1000 है और यदि उसके ऊपर निवेश करना चाहते है तो 1000 के मल्टीपल में इस स्कीम में निवेश किया जा सकता है। उदाहरण के लिए 1000, 2000, 3000…आदि के रेंज में आप निवेश कर सकते है। आप 1500 , 2400 , 3600 आदि के रेंज में रुपये जमा नहीं कर सकते क्योंकि ये 1000 के मल्टीपल में नहीं आता है।
SCSS में निवेश की अधिकतम सीमा 15,00000 रूपये है। और यदि आप VRS ले चुके है तो आपके लिए इस स्कीम में निवेश की राशि 15,00000 रुपये या रिटायरमेंट बेनिफिट राशि दोनों में से जो रकम कम हो उससे अधिक SCSS में निवेश नहीं किया जा सकता।
एक बात और ध्यान रखे VRS लेने के बाद रिटायरमेंट बेनिफिट मिलने के एक महीने के अंदर आप SCSS में निवेश कर सकते है।
SCSS की मच्योरिटी पीरियड कितनी होती है
SCSS की मच्योरिटी पीरियड 5 साल की होती है। लेकिन मच्योरिटी के बाद आप चाहे तो इसे 3 साल और बढ़ा सकते है। जिसके लिए आपको मच्योरिटी डेट से एक साल के अंदर एक निर्धारित फॉर्म भर कर पोस्ट ऑफिस में जमा कराना होता है।
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मच्योरिटी से पहले SCSS खाते को बंद करवाने के नियम
SCSS खाते पर प्रीमैच्योर क्लोजिंग के नियम इस प्रकार है :
खाता खोलने के एक साल से पहले खाता बंद करवाने पर कोई ब्याज नहीं देना होता, लेकिन अगर आपको इस खाते पर कोई ब्याज मिला है तो वह ब्याज आपके प्रिंसिपल राशि में से काट लिया जाता है।
खाता खोलने के एक साल बाद लेकिन 2 साल से पहले खाता बंद करने पर 1.5 % ब्याज पेनल्टी के रूप में कटता है।
खाता खोलने के दो साल बाद खाता बंद करने पर 1 % का ब्याज प्रिंसिपल राशि से पेनल्टी के रूप में काट लिया जाता है।
SCSS पर कर नियम क्या है ?
SCSS खाते में निवेश की गयी 1,50,000 तक की राशि पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80c के तहत टैक्स में छूट का प्रावधान है।
लेकिन SCSS खाते पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्सेबल होता है। और यदि SCSS पर मिलने वाला ब्याज किसी साल 50,000 से अधिक है तो उस रकम पर TDS भी कटता है।
लेकिन आपकी कुल आय, इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है तो आप TDS से बचने के लिए फॉर्म नंबर 15G / 15H भर सकते है।
SCSS पर ब्याज दर
साल 2015 -2016 में SCSS पर ब्याज दर 9.30 % रहा करती थी , लेकिन साल 2019 आते-आते यह दर 8.60% रह गयी। और लॉकडाउन के बाद SCSS पर ब्याज दर सबसे निचले स्तर पर आ गयी। मौजूदा समय (मार्च 2021 ) में SCSS पर ब्याज दर 7.4 % है।
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SCSS में निवेश के फायदे
100 % सिक्योरिटी : SCSS भारत सरकार की एक बचत योजना है जिसमे जोखिम न के बराबर होने के कारण आपका पैसा 100 % सिक्योर रहता है।
रिटर्न कि गारंटी : SCSS में आपको फिक्स्ड रिटर्न मिलता है। शेयर बाजार से जुड़े प्रोडक्ट जैसे म्युचुअल फंड, ETF आदि में निवेश पर आपको किसी प्रकार की रिटर्न की गारंटी नहीं होती। लेकिन सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम आपको गारंटीड रिटर्न देती है।
शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट : SCSS एक शार्ट टर्म सेविंग स्कीम है जिसे आप 5 साल बाद निकाल सकते है। पोस्ट ऑफिस अथवा बैंक के कई स्कीम ऐसे है जो लम्बे समय के लिए होते है जैसे कि PPF ,SSY आदि
उच्च ब्याज दर : SCSS में आपको PPF , बैंक FD , बैंक RD , NSC आदि स्कीमों से उच्च ब्याज दर मिलता है। और इसलिए यह निवेशकों के बीच बहुत लोकप्रिय भी है।
टैक्स बेनेफिट : SCSS में सालाना 1.5 साल तक के निवेश पर आपको इनकम टैक्स सेक्शन 80c के तहत टैक्स छूट भी मिलती है।