हिंदी योगी

Yoga in hindi

Yoga Kaise Karen-योग क्या है, योग के प्रकार और योग के फायदे क्या है ?

Yoga Kaise Karen: आज दुनिया भर में तरह तरह की बीमारियां पनप रही है। दवाइयां बीमार व्यक्ति को ठीक करने में कारगर होती है लेकिन एक निरोग व्यक्ति को रोग से दूर रखने और फिट रहने के लिए योग बहुत जरुरी है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम योग के बारे में सभी प्रकार की जानकारी आपसे साझा करेंगे जिससे आप योग को समझ सके और योग को एन्जॉय करते हुए करे।

योग (yoga in hindi) को कई लोग एक धार्मिक क्रिया मानते हैं । जो की एक बहुत बड़ी भूल है । योग (Yoga Kaise Karen) एक धार्मिक नही बल्कि शारीरिक और मानसिक क्रिया है जो मनुष्य को शरीर और मन से स्वस्थ रखने मे सहायता करता है साथ ही खुद को खुद से और परमात्मा से मिलाने मे एक बहुत ही अच्छा साधन सिद्ध होता है।

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का हिंदियोगी के इस ब्लॉग पोस्ट “योग” (Yoga) में। इस ब्लॉग पोस्ट में हम योग के बारे में जानेंगे कि योग क्या है (Yoga Kaise Karen), योग क्यों जरूरी है (why yoga is important), योग का इतिहास क्या है ?(history of yoga),  और योग के प्रकार क्या है ?(yoga poses in hindi).

तो बिना देरी किये शुरू करते है और जानते है :

योग शब्द संस्कृत शब्द से निकला है। इसका अर्थ जुड़ना होता है। जुड़ना अर्थात खुद से जुड़ना, परमात्मा से जुड़ना, आपके आस पास जो हो रहा है उससे जुड़ना।

इसे हम एक अध्यात्मिक प्रक्रिया भी कह सकते हैं जिसमे शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाया जाता है।

योग मे कई प्रकार के आसान, ध्यान, मुद्राएँ और अनुशासन सम्मिलित हैं जो न केवल मन बल्कि शरीर को भी स्वस्थ रखता है।

योग क्यों जरूरी है? (Why yoga is important)

आज कल की जीवनशैली इस तरह की हो गयी है की हमारे पास स्वंय के लिए ही समय नही होता। हर कोई किसी न किसी काम मे व्यस्त है ।

उनके पास ये देखने का भी समय नही होता की वे क्या खा रहे हैं जिससे लोगों मे मोटापा,मानसिक तनाव और न जाने कितनी तरह की बिमारियाँ बढ़ रही है। इन सब से निपटने के लिए योग सर्वोत्तम तरीका है।

योग न सिर्फ हमारे शरीर, मन और आत्मा पर सकरात्मक प्रभाव डालता है। यह जीवन को सरल और अनुशासनशाली बनाने मे भी सहायता करता है।

वर्तमान समय में अपनी व्यस्त जीवन शैली के कारण लोग संतोष पाने के लिए योग करते हैं।

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योग से न केवल व्यक्ति का तनाव दूर होता है बल्कि मन और मस्तिष्क को भी शांति मिलती है योग बहुत ही लाभकारी है। योग न केवल हमारे दिमाग, मस्‍तिष्‍क को ही ताकत पहुंचाता है बल्कि हमारी आत्‍मा को भी शुद्ध करता है।

आज बहुत से लोग मोटापे से परेशान हैं, उनके लिए योग बहुत ही फायदेमंद है। योग के फायदे से आज सब ज्ञात है, जिस वजह से आज योग विदेशों में भी प्रसिद्ध है।

योग का इतिहास (history of yoga)

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Yoga Kaise Karen

योग के इतिहास का कोई निर्धारित प्रमाण नही मिलता लेकिन ये सत्य है की योग की शुरुआत भारत से ही हुई थी। योग की उत्पत्ति को 5 हज़ार वर्ष या उससे भी कहीं अधिक पहले की मानी जा सकती है क्योंकि योग का उल्लेख महाभारत मे भी मिलता है जो तकरीबन 5 हज़ार वर्ष पहले लिखी गयी थी।

योग की शुरुआत एक प्राचीन प्रथा के रूप में हुई थी जिसकी उत्पत्ति के नमूने भारत में 3000 ई.पू. योग मुद्राओं के पाषाण-नक्काशीदार आंकड़े सिंधु घाटी में पाए जा सकते हैं, जो मूल मुद्रा और प्रथाओं को दर्शाते हैं।

दिव्य ज्ञानोदय के मार्ग पर हृदय और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए योग का विकास किया गया।

साथ ही, यह पता चला कि योग से मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी कई बीमारियों का इलाज करने और शारीरिक चोटों और पुराने दर्द को कम करने में भी सहायता मिलती है। योग के कारण बहुत सारी बीमारियों का इलाज करने में मदद मिली है।

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इतने पुराने इतिहास के बाद भी 19 वीं शताब्दी के अंत में योग को लोकप्रियता प्राप्त होना प्रारम्भ हुई। 1920 और 1930 के दशक के पश्चात पहले भारत में और बाद में पश्चिम में योग में रुचि का विस्फोट हुआ।

हाल के वर्षो मे योग का प्रचलन और भी बढ़ा है। इसे लोग अपने दैनिक जीवन मे एक व्यायाम के रूप मे अपना रहे हैं।

अंतराष्ट्रीय योग दिवस (international yoga day)

अंतराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) की शुरुआत सर्वप्रथम 21 जून 2015 को भारत में हुई। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को दिए गए प्रस्ताव को स्वीकृति मिली और 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाना प्रस्तावित किया गया।

अब प्रश्न यह उठता है कि 21 जून ही क्यों? इसका उत्तर है – 21 जून उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन है और दुनिया के कई हिस्सों में एक विशेष महत्व रखता है, अतः माननीय प्रधानमंत्री जी ने इस दिन का सुझाव दिया।

वर्ष 2018 में योग सत्र के बाद, अधिकारियों ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें लिखा था, “21 जून 2018 को राजस्थान सरकार के पतंजलि योगपीठ और जिला प्रशासन कोटा, राजस्थान में सबसे बड़ा योग लेसन ग्रहण किया जिसमे सबसे अधिक मात्रा में लोगों ने भाग लिया “।

Yoga Kaise Karen

योग के प्रकार (yoga poses in hindi)

राजयोग :- यम, नियम, आसन, प्राणायम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि यह पतंजलि के राजयोग के आठ अंग हैं। इन्हें अष्टांग योग भी कहा जाता है

 

हठयोग :- षट्कर्म, आसन, मुद्रा, प्रत्याहार, ध्यान और समाधि- ये हठयोग के सात अंग है, लेकिन हठयोगी का जोर आसन एवं कुंडलिनी जागृति के लिए आसन, बंध, मुद्रा और प्राणायम पर अधिक रहता है। इसी क्रिया को योग कहते हैं।

 

लययोग :- यम, नियम, स्थूल क्रिया, सूक्ष्म क्रिया, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि। यह सभी लययोग के अंग है।

 

कर्मयोग :- कर्म करना ही कर्म योग है। इसका उद्‍येश्य है कर्मों में कुशलता लाना। यह योग सर्वोत्तम योग है। श्री कृष्ण ने भी महाभारत मे इसी योग पर बल दिया है। और अर्जुन को भी गीता के माध्यम से इसी योग का महत्व बताया है।

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ज्ञानयोग :- साक्षीभाव द्वारा विशुद्ध आत्मा का ज्ञान प्राप्त करना ही ज्ञान योग है। यही ध्यानयोग है। श्री कृष्ण द्वारा इस योग को भी उत्तम कहा गया है। क्योंकि यदि ज्ञान नही होगा तो मनुष्य और पशु मे अधिक अंतर नही रह जायेगा।

 

भक्तियोग :- भक्त श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पादस्पन्द्न, अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य और आत्मनिवेदन रूप- इन नौ अंगों को नवधा भक्ति कहा जाता है। भक्त अपनी रुचि, प्रकृति, साधना की योग्यतानुसार इनका चयन कर सकता है। भक्ति योगानुसार व्यक्ति सालोक्य, सामीप्य, सारूप तथा सायुज्य-मुक्ति को प्राप्त होता है, जिसे क्रमबद्ध मुक्ति कहा जाता है।

 

कुंडलिनी योग: कुंडलिनी का अर्थ है “एक साँप की तरह कुंडलित होना।” कुंडलिनी योग ध्यान की एक प्रणाली है जिसका उद्देश्य मन में दबी हुई ऊर्जा को जारी करना है।

मनुष्य की प्रवृत्ति होती है जब तक उसे किसी बात का लालच न हो वो काम वो नही करता और सही भी है जब तक आपको किसी बात का फायेदा नही मिलेगा आप उसे करेंगे ही क्यों इसीलिए हमने यहाँ योग करने के कई सटीक कारण (reason of yoga) यानी योग के फायदे (Benefits of Yoga in Hindi) के बारे में बताया है, जो निम्न प्रकार हैं –

योग के फायदे (Benefits of Yoga in Hindi)

Yoga in hindi
  • आपके लचीलेपन में सुधार करता है
  • मांसपेशियों की ताकत बढ़ाता है
  • आपके पोस्चर्स को परिपूर्ण करता है
  • उपास्थि और जोड़ों को टूटने से बचाता है
  • आपकी रीढ़ की हड्डी की सुरक्षा करता है
  • आपके हड्डियों के स्वास्थ्य को मजबूत करता है
  • आपके रक्त प्रवाह को बढ़ाता है
  • आपकी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाता है
  • ह्रदय गति को नियमित रखता है
  • आपके ब्लड प्रेशर को कम करता है
  • आपके अधिवृक्क ग्रंथियों को नियंत्रित करता है
  • आपको खुश करता है
  • एक स्वस्थ जीवन शैली प्रदान करता है
  • ब्लड शुगर कम करता है
  • आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद करता
  • आपके सिस्टम को आराम देता है
  • आपके संतुलन को बेहतर बनाता है
  • आपके तंत्रिका तंत्र को बनाए रखता है
  • आपके अंगों में तनाव को दूर करता है
  • आपको गहरी नींद देने में मदद करता है
  • BS और अन्य पाचन समस्याओं को रोकता है
  • आपको मन की शांति देता है
  • आपके आत्म-सम्मान को बढ़ाता है
  • आपका दर्द मिटाता है

योग करना बहुत अच्छी और फायेदे की बात है लेकिन कुछ परिस्तिथि या मुद्राओं मे हमे ध्यान रखना चाहिए ।

योग के कुछ जोखिम और नुकसान इस प्रकार हैं-(Risk and Side effect of yoga)

योग के कारण यदि आपको चोट लगती है तो यह आपके निरंतर अभ्यास में बाधा बन सकती है। अपितु योग के कारण गंभीर चोट बहुत ही दुर्लभ होती है।

यदि आप गर्भवती है या किसी मेडिकल समस्या जैसे हाई ब्लड प्रेशर, ग्लूकोमा या कांच बिंदु रोग और साइटिका इत्यादि से पीड़ित हैं तो, योग का अभ्यास करने से पहले अपने चिकित्सक से बात कर लें। ऐसे में कुछ योग की मुद्राओं को बदलने या उनसे बचने की आवश्यकता हो सकती है।

यदि आपने योग हाल ही में सीखना प्रारम्भ किया है तो चरम स्थिति और कठिन तकनीकों से बचना चाहिए, जैसे कि हेडस्टैंड, पद्मासन और बलपूर्वक साँस लेना।

यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या के लिए योग कर रहें है तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उस समस्या के लिए पारंपरिक चिकित्सा देखभाल को अनदेखा न करे और न ही योग को उस समस्या से बदलें। दर्द या अन्य किसी समस्या के लिए अपने चिकित्सक से सलाह लें।

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