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What is Equity Mutual Fund

इक्विटी म्युचुअल फंड क्या है?,What Is Equity Mutual Fund In Hindi?

Equity fund वह फंड है जिसमे फंड का अधिकतर हिस्सा शेयर मार्किट में लगा होता है, दूसरे शब्दो में कहे तो equity fund का मतलब है वह फंड जिसमे फंड मैनेजर investors के पैसों को स्टॉक मार्किट में लिस्टेड अलग-अलग कंपनियों के शेयर में लगाता है . 

 

Equity fund की सबसे बड़ी ख़ासियत है की इसमें return बाकी म्युचुअल फंड जैसे Debt Fund, Liquid Fund आदि फंड के मुकाबले ज्यादा होता है. Equity Fund के फंड मैनेजर की यह कोशिश रहती है की वह इन्वेस्टर्स के पैसों को ऐसे शेयर में लगाए जिनमें रिस्क कम होने के साथ साथ return भी बढ़िया हो.

कितने प्रकार के Equity Fund होते है

Market  Capitalization के अनुसार Equity Fund को मुख्यत 3 भागों में बांटा गया है 1.) लार्ज कैप म्यूचुअल फंड   2.) मिड कैप म्यूचुअल फंड  3.) स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड 



लार्ज कैप म्यूचुअल फंड:- लार्ज कैप म्यूचुअल फंड में  investors का ज्यादातर पैसा लार्ज कैप कंपनियों में लगाया होता है. यह कम्पनियाँ  बहुत ही reputed और high profitable होती है. जो की लंबे समय में अच्छा return देती है और इन कंपनियों में risk भी काम होता है 

 

मिड कैप म्यूचुअल फंड:- मिड कैप फंड में, उन कम्पनयों में पैसे लगाया जाता है  जिन कंपनियों की market capitalization एक मिडल रेंज में होती है. यह कंपनी स्माल कैप के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित होती है. और लार्ज कैप के मुकाबले अच्छा return देती है.


स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड:- स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड बहुत ही aggressive फंड होते है. इनमे volatility लार्ज कैप और मिड कैप फंड के मुकाबले बहुत ज्यादा होती है. इस तरह के फंड में उतार- चढ़ाव ज्यादा रहता है. 

Equity Fund कैसे काम करता है

कोई भी फंड तब ही Equity Fund की category में आता है जब उस फंड का 60% से ज्यादा हिस्सा शेयर मार्किट में लगा हो. जब भी कोई इन्वेस्टर इक्विटी फंड में पैसा इन्वेस्ट करता है तो उस फंड का फंड मैनेजर कलेक्टेड फंड का ज्यादातर ( more than 60 %) हिस्सा कंपनी के शेयर में लगता है और बाकि बचे हिस्से को फंड के उद्देश्य के अनुसार Debt Market या Money Market में लगाता है.

 

इन्वेस्टर जब म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करता है तो उसे फंड के NAV के अनुसार उसके द्वारा लगाए गए पैसे पर फंड का यूनिट मिलता है. और NAV के दाम बढ़ने से इनवेस्टर के लगाए गए पैसे में वृद्धि होती है.

Equity Fund के advantage क्या है

High Liquidity :– Equity Fund में आप अपने द्वारा इन्वेस्ट पैसे को जब चाहे तब निकाल सकते है बशर्ते आपने Open – Ended फंड में पैसा इन्वेस्ट किया हो

 

High Return:- Equity Fund में बाकी फंड के मुकाबले अच्छा return होता है, फंड का पैसा शेयर मार्किट में होने की वजह से इसमें उतार-चढ़ाव भी ज्यादा रहता है. जिस साल मार्किट अच्छा प्रदर्शन कर रहा हो उस साल हो सकता है Equity Fund आपको 30%- 50% और शायद उससे भी ज्यादा का return दे सकता है, परन्तु खराब प्रदर्शन की वजह से आपका return नेगटिव भी जा सकता है. लेकिन लम्बे टाइम तक बने रहने पर आपको 12%-18% तक return मिलने की सम्भावना अधिक रहती है  

 

Partial Withdrawal Facility:– वैसे तो एक्सपर्ट की सलाह रहती है की इक्विटी फंड में पैसा तभी लगाए जब आप कम से कम इक्विटी फंड में  3 साल तक बने रहे, लेकिन किसी कारण से आपको पैसे की जरूरत पर जाती है तो आप अपने जरुरत के हिसाब से उतने पैसे म्युचुअल फंड से निकाल सकते है.


Low Cost:- अब आपके मन में यह प्रश्न भी उठ रहा होगा की म्युचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने के लिए भी पैसे देने होते है क्या? तो जवाब है हां, जब भी आप इक्विटी फंड में निवेश करते है तो आपको अपने फंड का एक छोटा सा अमाउंट Expense Ratio के रूप में म्युचुअल फंड को देना होता है, यह चार्ज एक तरह की फीस होती है जो  फंड मैनेजर को जाता है.जो की बहुत कम होता है लगभग 1% – 2%

Equity Fund के Disadvantage क्या है

Risk:– जैसा की हम जानते है की इक्विटी फंड में इन्वेस्टर्स के पैसों को कंपनी के शेयर में लगाया जाता है, और शेयर में पैसे लगे होने के कारण इसमें फंड की वैल्यू में उतार- चढ़ाव का risk involve रहता है . शार्ट टर्म में यह रिस्क ज्यादा रहता है परन्तु लम्बे समय में यह रिस्क बहुत कम हो जाता है.

 

Exit Load:-  हम यह जान चुके है की म्युचुअल फंड हमें high liquidity की facility देता है, मतलब जब हमें पैसे की जरुरत हो हम अपने म्युचुअल फंड का पैसा निकाल सकते है, परन्तु इसका एक नेगेटिव पॉइंट भी है की अगर म्युचुअल फंड को एक साल (365 दिन) से पहले withdraw करते है तो हमें 1% – 2% की Exit Load के रूप में charge देना होता है 


Volatility:–  हम जानते है की स्टॉक मार्किट बहुत ही volatile मार्किट है और इक्विटी फंड में अधिकतर पैसा शेयर में लगे होने के कारण फंड की NAV में उतार- चढ़ाव की स्थिति हमेशा बनी रहती है. हालांकि अलग-अलग कंपनी में पैसे लगे होने के कारण वोलैटिलिटी का म्युचुअल फंड के NAV में उतना फर्क नहीं पड़ता जितना की किसी individual share के कीमत पर पड़ता है

Equity Fund किसके लिए सही है

अगर आप स्टॉक मार्किट में नए है या आपके पास समय की दिक्कत है और स्टॉक मार्किट में वक्त नहीं दे सकते परन्तु शेयर में पैसा लगाना चाहते है तो आपके लिए स्टॉक मार्किट में entry लेने के लिए इक्विटी म्युचुअल फंड से बेहतर कोई और दूसरा तरीका नहीं है. आपको बस अपने पैसे को किसी अच्छे इक्विटी म्युचुअल फंड में लगाना है बाकी का काम आपके म्युचुअल फंड के फंड मैनेजर की टीम करती है. 

 

अगर आप नौकरी कर रहे है और रिटायरमेंट में अभी वक्त है और चाहते है की नौकरी के साथ-साथ एक साइड इनकम भी हो तो आपके लिए भी इक्विटी फंड में निवेश करना एक बहुत बढ़िया कोशिश साबित हो सकती है.

 

इक्विटी फंड में निवेश करने से पहले अपने बारे में कुछ बातें जरूर जान ले ताकि आगे किसी तरह की financial परेशानी में न फंसें और अच्छे से आप निवेश कर सकें।

 

पहले एक Goal सेट कर लें की आपको यह निवेश किसलिए करनी है और कितना वक्त बाकि है उस गोल को पूरा करने में.  गोल शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों हो सकते है जैसे की खुद की शादी के लिए पैसे जुटाने है या गाड़ी या घर लेना है या फिर खुद की या बच्चो की एजुकेशन के लिए पैसे का इंतजाम करना है इसके अलावा शार्ट टर्म गोल भी हो सकता है जैसे घर की मरम्मत करवाना हो, फर्नीचर लेना हो या बाइक या लैपटॉप खरीदना हो और उसके लिए पैसे जुटाने हो. 

 

उसके बाद आप अपने इनकम और एक्सपेंडिचर का व्योरा देखे फिर देखे की आप हर महीने कितना पैसा इक्विटी फंड में लगा सकते है. और उस पैसे को इक्विटी में SIP के तहत इन्वेस्ट कर सकते है.  

 

इस आर्टिकल में हमने बात की कि इक्विटी म्युचुअल फंड क्या है और इसके क्या फायदे है?

हमने इक्विटी फंड के बारे में डिटेल में बात की लेकिन फिर भी इक्विटी फंड को लेकर आपके मन में कोई डाउट हो या सुझाव हो तो हमें अपने सवाल या सुझाव कमेंट में जरूर लिखें।

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