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Public provident fund kya hai

PPF में ऐसा क्या है जो अन्य सेविंग स्कीम में नहीं: जानिए क्यों PPF आज भी इन्वेस्टर की पहली पसंद है

Public Provident Fund जिसे PPF भी कहते है, सदियों से निवेशकों के बीच निवेश का बहुत ही प्रचलित और पसंदीदा विकल्प रहा है. भारत में इसकी शुरुआत 1968 में हुई थी और तब से अब तक इसके ब्याज़ दर में सैकड़ों बार बदलाब किये गए है. 

 

एक समय था जब PPF अकाउंट में 12 प्रतिशत प्रति वर्ष के हिसाब से ब्याज़ मिलता था. और अगर वर्तमान की बात करें तो यह ब्याज 7.1  है बावजूद इसके PPF लोगों के बीच सबसे ज्यादा पॉपुलर निवेश का विकल्प है. 

 

आख़िर ऐसा क्या है PPF में जो आज के दौर में भी जहाँ मार्केट में निवेश के और भी अच्छे विकल्प उपलब्ध है बावज़ूद PPF लोगों की पहली पसंद है.

 

तो आइये जानते है क्यों PPF इतना लोकप्रिय है.

PPF भारत सरकार द्वारा घोषित एक टैक्स फ्री सेविंग स्कीम है जिसे भारत सरकार ने 1968 में लाँच किया था. एक सरकारी स्कीम होने के कारण इस पर जोख़िम न के बराबर हो जाता है. 

 

अगर आप बैंक के बाकि सेविंग स्कीम से PPF की तुलना करें तो सुरक्षा के मामले में PPF अधिक प्रभावशाली है. बाज़ार में उपलब्ध अन्य सेविंग स्कीम जैसे FD(Fixed Deposit), म्युचुअल फंड आदि में थोड़ा सा रिस्क इन्वॉल्व रहता है.

उच्च ब्याज़ दर

लोगो में PPF की ओर अधिक रुझान होने का एक बड़ा कारण यह भी है की PPF में ब्याज़ दर (Interest Rate) बाकि सेविंग स्कीम की तुलना में अधिक है. PPF में हर महीने ब्याज़ कैलकुलेट होता है. 

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें की PPF में इंटरेस्ट तो हर महीने कैलकुलेट होता है लेकिन ब्याज़ हर साल फाइनेंसियल ईयर (Financial Year) की समाप्ति के बाद ही इन्वेस्टर के PPF अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है. 

 

यह बात भी ध्यान रखें कि PPF में ब्याज़ दर एक समान नहीं रहता। भारत सरकार द्वारा हर Quarter ब्याज़ दर की घोषणा की जाती है.

टैक्स फ्री ब्याज़

मार्केट में बहुत ही कम ऐसी स्कीम है जहां लोगों द्वारा किये गए निवेश पर मिलने वाले ब्याज़ पर टैक्स नहीं देना पड़ता हो. अगर आप बैंक की FD स्कीम को ही ले कर चले तो FD पर मिलने वाले ब्याज़ पर एक लिमिट के बाद कुछ पर्सेंट टैक्स के रूप में सरकार को देना पड़ता है. 

 

लेकिन PPF अकाउंट में आपको अपने निवेश पर मिलने वाले ब्याज़ पर किसी भी प्रकार का कोई टैक्स नहीं देना होता। इसके अलावा मैच्योरिटी पर आपको जो भी रकम मिलता है उस पर भी किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगता. साथ ही PPF में सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.5 लाख रूपये तक के निवेश पर भी टैक्स छूट मिलती है. 

 

और यही कारण है कि PPF को  हर तबके के लोग निवेश का एक अच्छा विकल्प मानते है क्योंकि इसमें टैक्स बचत  के मौके उपलब्ध है.

सेक्शन 80C के अंतर्गत टैक्स बेनिफिट

जो भी व्यक्ति इनकम टैक्स के दायरे में आता है, हमेशा उनकी कोशिश रहती है की जितना ज्यादा हो सके टैक्स देने से बचे क्योंकि टैक्स उनके लिए एक तरह का खर्चा (एक्सपेंस) ही है. 

 

PPF (Public Provident Fund) में सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.5 लाख रूपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है.

 

तो अगर आप भी इनकम टैक्स की कैटेगरी में आते है तो  PPF में निवेश करना आपके लिए रामबाण साबित हो सकता है और इसलिए PPF को टैक्स सेविंग स्कीम भी कहा जाता है.

कम ब्याज़ दर पर लोन की सुविधा

आज हर व्यक्ति को किसी न किसी काम के लिए लोन की आवश्यकता होती ही है चाहे बच्चे की पढ़ाई के लिए हो, उनकी शादी के लिए हो, या खुद का घर लेना हो या गाड़ी की डाउन पेमेंट करनी हो कहीं न कहीं हमें लोन की जरूरत पड़ ही जाती है. लेकिन इस सबके बीच सबसे बड़ी दिक्कत होती है की लोन ले कहाँ से.

 

अगर हम अपने जान पहचान में किसी व्यक्ति से लोन लें तो उस पर इंटरेस्ट रेट बैंक से अधिक देना होता है. और यदि बैंक के पास जाएं तो गारंटी नहीं है की बैंक से लोन मिल ही जाएगा और अगर लोन मिल भी जाता है तो भी पर्सनल लोन पर इंटरेस्ट रेट 12% से 24% तक का होता है और प्रोसेसिंग फ़ीस अलग लगता है. 

 

तो ऐसे में  PPF अकाउंट आपके लिए बहुत फ़ायदेमंद हो सकता है. क्योकिं यहाँ लोन पर ब्याज़ दर बहुत कम होता है. अगर हम वर्तमान में PPF अकाउंट पर मिलने वाले लोन के ब्याज़ दर की बात करे तो यह 1% सालाना है. जो की बाकी किसी भी प्रकार के लोन के ब्याज़ से बहुत कम है.

 

ध्यान देने वाली बात यह है की PPF अकाउंट से आप लोन अपने PPF अकाउंट के खुलने के बाद तीसरे साल से  छठे साल के अंत के बीच में किसी भी वक्त ले सकते है. 

 

अगर हम बात करें की कितनी रकम PPF अकाउंट से लोन के रूप में  ले सकते है तो यह आपके PPF अकाउंट में उपलब्ध कुल रकम का 25% हो सकता है.

आंशिक निकासी (Partial Withdrawn) की सुविधा

PPF अकाउंट भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली एक Long Term Saving Scheme है. जिसकी Maturity Period 15 साल की है. दूसरे शब्दों में बात करें तो PPF अकाउंट  का लॉक इन पीरियड 15 साल का होता है जिसका मतलब है  कि जिस साल आपने PPF अकाउंट खुलवाया उस साल के वित्तीय वर्ष (Financial Year) के अंत से 15 साल पूरे होने तक आप PPF अकाउंट से पैसे नहीं निकाल सकते। 

 

लेकिन इसके साथ ही सरकार ने PPF अकाउंट होल्डर के लिए कुछ नियम निर्धारित किये है जिसके अन्तर्गत निवेशक PPF अकाउंट के 15 साल पूरे होने से पहले भी अपने PPF अकाउंट के कुल राशि का कुछ रकम निवेशक अपने PPF अकाउंट से निकाल सकता है. 

 

जैसे की अगर PPF अकाउंट होल्डर को अपनी उच्च शिक्षा के लिए रकम की आवश्यकता है या फिर अकाउंट होल्डर के पति या पत्नी, बच्चे या माता-पिता किसी  गंभीर बीमारी से ग्रसित है और इलाज़ के लिए रकम की आवश्यकता है तो ऐसी स्तिथि में अकाउंट होल्डर ज़रूरी दस्तावेज़ प्रस्तुत कर कुछ राशि अपने PPF अकाउंट से निकाल सकता है.

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