बैलेंस्ड म्युचुअल फंड
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दोस्तों इस आर्टिक्ल में हम पढ़ेंगे बैलेंस फंड के बारे में, अगर आप म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाहते है और चाहते है की रिस्क भी कम हो और रिटर्न भी बढियां हो तो आपके लिए बैलेंस फंड में निवेश करना बहुत अच्छा स्टेप हो सकता है,
मार्किट में म्युचुअल फंड के बहुत से स्कीम उपलब्ध है, परन्तु इन्वेस्टर को अपनी रिस्क और इनकम दोनों को देखते हुए एक अच्छे फंड में निवेश करना चाहिए
तो आइये जानते है की बैलेंस फंड क्या है (what is Balance Fund), बैलेंस फंड कैसे काम करता है? और balance fund के क्या फायदे होते है?
बैलेंस फण्ड क्या है - what is Balance Fund?
बैलेंस फंड वह फंड है जिसमें इक्विटी और डेट दोनों का समावेश रहता है. इस तरह के म्युचुअल फंड अलग अलग कंपनी के शेयर और फिक्स इनकम वाले इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते है। बैलेंस फंड का मुख्य उदेश्य है निवेश में संतुलन बनाए रखना।
फंड मैनेजर इन्वेस्टर के पैसों को पहले से डिसाइड एक fix portion (60:40, 40:60 ) में इक्विटी और डेट मार्किट में निवेश करते है। जिससे इन्वेस्टर को इक्विटी में पैसा होने की वजह से capital appreciation का भी फायदा होता है और डेट में फंड का कुछ हिस्सा होने की वजह से रिस्क भी moderate रहता है।
बैलेंस फंड काम कैसे करता है?
जैसा की हम पहले पढ़ चुके है की बैलेंस फंड इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट का समावेश है. फंड मैनेजर बैलेंस फंड के उद्देश्य और कैटगरी के अनुसार इन्वेस्टर के पैसों को एक निश्चित रेश्यो में डिवाइड करता है, जिसमे कुछ पार्ट इक्विटी में, कुछ डेट में, कुछ गोल्ड में, कुछ को गवर्नमेंट बांड में निवेश करता है, और इस तरह से निवेशक के पैसे को डेट और इक्विटी मार्किट में locate किया जाता है .
बैलेंस फंड में इक्विटी और डेट दोनों इंस्ट्रूमेंट का समावेश कर निवेश के जोखिम को बैलेंस किया गया है. बैलेंस फंड उन इन्वेस्टर के लिए बहुत अच्छा हो सकता है जो अभी नए इन्वेस्टर है और उनका मिड टर्म गोल है साथ ही मिड टर्म में अच्छा रिटर्न चाहते है.
बैलेंस फंड कितने प्रकार के होते है?
बैलेंस फंड को SEBI ने मुख्य रूप से 6 कैटेगरी में बांटा है. हर कैटेगरी में इक्विटी और डेट का समावेश होता है और हर कैटेगरी में इक्विटी और डेट में अलग-अलग अनुपात में निवेश किया जाता है. निवेशक अपनी रिस्क लेने की क्षमता को देख कर किसी भी कैटेगरी में निवेश कर सकते है.
आइये जानते है बैलेंस फंड के कितने प्रकार होते है.
एग्रेसिव हाइब्रिड फंड: म्यूचुअल फंड की इस कटेगिरी में 65 से 80 फीसदी निवेश इक्विटी में होता है और 20 से 35 फीसदी निवेश डेट में किया जाता है.
मल्टी एसेट एलोकेशन फंड: जैसा की नाम से ही पता चल रहा है की यह फंड मल्टी एस्सेट क्लास में निवेश करता है, इस कटेगिरी में इक्विटी, डेट और गोल्ड तीनों तरह के एसेट क्लास में निवेश किया जाता है . इसमें 65 फीसदी निवेश इक्विटी में, 20 से 25 फीसदी निवेश डेट में और 10 से 15 फीसदी निवेश गोल्ड में किया जाता है.
डायनेमिक एलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड: म्यूचुअल फंड की ये स्कीम कुल निवेश का 30 से 80 फीसदी इक्विटी में निवेश करती है बाकी बचे फंड को डेट में निवेश करती है
आर्बिट्राज फंड्स: अच्छे रिटर्न के लिए आप बैलेंस फंड के इस कैटेगरी में निवेश कर सकते है. इस कैटेगरी में कुल निवेश का 65 फीसदी इक्विटी क्लास में निवेश किया जाता है.
बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड और एग्रेसिव हाइब्रिड फंड: बैलेंस फंड की इस कैटेगरी में म्युचुअल फंड कुल एसेट का करीब 40 से 60 फीसदी इक्विटी या डेट में निवेश करते हें. इन्वेस्टर इस कैटेगरी में कम जोखिम में ज्यादा मुनाफा ले सकता है.
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बैलेंस फंड की विशेषता क्या है?
1) कोई भी निवेशक जब चाहे बैलेंस फंड में निवेश कर सकता है
2) निवेशक इक्विटी और डेट में निवेश के अनुपात को देखते हुए अपनी रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर बैलेंस फंड की किसी भी कैटेगरी में निवेश कर सकता है
3) बैलेंस फंड में इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश होने के कारण निवेशक का पैसा ज्यादा सुरक्षित रहता है
4) बैलेंस फंड निवेशक को हाई लिक्विडिटी (liquidity) फैसिलिटी प्रदान करती है, निवेशक जब चाहे अपना पैसा म्युचुअल फंड से निकाल सकता है
5) निवेशक बैलेंस फंड में निवेश कर बैंक और पोस्ट ऑफिस के सेविंग स्कीम से ज्यादा रिटर्न कमा सकता है.
इस आर्टिकल में हमने जाना की बैलेंस्ड फंड किसे कहते है और बैलेंस्ड फंड के क्या फायदे है. हमने इस ब्लॉग पोस्ट में बैलेंस्ड फंड से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी देने का प्रयत्न किया है, फिर भी अगर आपके मन में कोई प्रश्न या सुझाव हो तो हमें कमेंट के जरिये या फिर Contact Us में ईमेल के जरिये आप अपना सुझाव और प्रश्न भेज सकते है. हमें आपकी सहायता करने ख़ुशी होगी।