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samay ka sahi upyog kaise karen

Motivational Story in Hindi: समय का सही उपयोग कैसे करें ?

Samay Ka Sahi Upyog Kaise Karen?

दोस्तों हमने ये बात बहुत बार सुना होगा अपने बड़ों से, स्कूल में अपने टीचर्स से, घर में अपने पैरंट्स से कि समय

बर्बाद मत करो समय बहुत कीमती है। और कहीं न कहीं ये बात सच भी है की यदि समय एक बार निकल गया तो हम उसे दोबारा किसी भी तरह हासिल नहीं कर सकते ।  दुनिया में एक समय ही है जिसे खरीदा नहीं जा सकता है। 

 

और समय की क्या कीमत है यह बात हमें अपने बचपन के समय में पता नहीं चल पाता। जब हम थोड़े बड़े होने लगते है, अपनी स्कूली जीवन ख़त्म करके, कॉलेज में प्रवेश करते है और जब कॉलेज ख़त्म करके हम अपने कॉर्पोरेट लाइफ में जाते है तब हमें एहसास होता है समय की असली कीमत।  लेकिन यदि हम समय की कीमत अपने स्कूल के दिनों में जान लें तो हम जल्द और सुनिश्चित रूप से अपने जीवन में सफल हो सकते है। 

 

नमस्कार दोस्तों। हिंदियोगी के इस ब्लॉग पोस्ट “समय का सही उपयोग” (motivational story in hindi) में आपका स्वागत है। जहां हम जानने कि कोशिश करेंगे कि समय का हमारे जीवन में क्या महत्व है और इसका सदुपयोग कैसे करे ताकि हम अपने जीवन में सफलता हासिल करने में सफल हो। 

 

इस कहानी के माध्यम से हम ये समझने की कोशिश करेंगे की हम कई बार अपना सबसे कीमती समय किसी ऐसे कार्य को करने में बिता देते है जिसको हम कभी भी थोड़े पैसे दे कर या किसी और माध्यम से आसानी से पूरा कर सकते है। और बाकी के बचे हुए समय में हम कोई दूसरा महत्वपुर्ण कार्य कर सकते है।

 

लेकिन हमें ठीक से गाइडेंस ना मिलने के कारण हम ऐसे व्यर्थ के काम को पूरा करने में सालों बिता देते है और बाद में एहसास होता है की जो काम हम मिनटों में होना चाहिए था उसके लिए हमने साल भर का समय लगा दिया।

तो आइये बिना टाइम गवाए शुरू करते है inspirational story in hindi

 

एक बार स्वामी विवेकानंद किसी काम से जा रहे थे। जिसके रास्ते मे एक नदी थी। स्वामी जी उसे पार करने के लिए नाव का इंतज़ार करने लगे। तभी उनके पास एक साधु जी आये।और उनसे पूछा “क्या आप ही स्वामी विवेकानंद हैं” जिस पर स्वामी जी विनम्रता पूर्वक बोले ” जी मैं ही हूँ स्वामी विवेकानंद” । 

 

साधु जी ने पूछा “यहाँ क्यों खड़े हैं आप?

 

” मुझे नदी के उस पार जाना है, मैं नाव की प्रतिक्षा मे हूँ” स्वमी जी ने सहजता से कहा। 

 

साधु महाराज को खुद पर थोड़ा अहनकार् था और स्वामी जी के लिए जरा इर्ष्या भी थी कि वो स्वामी जी से ज्यादा बुद्धिमान और सिद्धियों से युक्त है लेकिन फिर भी स्वामी जी की ख्याति है किंतु उनको कोई जानता तक नही। 

 

वह बोले “आप इतने प्रख्यात हैं। इतने लोग आपको जानते हैं मैंने तो बड़ा नाम सुना था आपका कि आप की अध्यात्मिक और ध्यान की शक्ति बहुत प्रबल है लेकिन आप तो एक नदी भी अपने दम पर पार नही कर सकते। हुँह!”

 

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कहते हुए वो नदी पर चलने लगे और चलते हुए वह नदी के दूसरे छोर पर पंहुच गए और उसी तरह वापस भी आ गए। 

 

“देखो मैं आपसे ज्यादा सक्षम और कुशल हूँ ।मैं इस नदी पर चल सकता हूँ । मेरी सिद्धियाँ, ध्यान और ज्ञान आपसे ज्यादा है लेकिन फिर भी मैंने खुद का कोई बखान नही करवाया।”

 

स्वामी जी इस पर बस मुस्कुराये इतने मे नाव वाला आ गया स्वामी जी ने साधु जी को बड़े प्रेम और आदर से नाव पर अपने साथ बैठाया। दोनो ने नाव पर बैठ कर नदी पार की स्वामी जी ने नाव वाले को एक रुपए दिये।

 

और फिर साधु जी से पूछा “आपने चल कर नदी पार करने की ये ध्यान, विद्या कितने समय मे सीखी? “

 

साधु महाराज गर्व से बोले ” पूर्ण रूप से पन्द्रह वर्ष।

 

स्वामी जी फिर मुस्कुराये और बोले “क्या इससे किसी दूसरे का भला हुआ?.. नही! जब आपकी प्राप्त की गयी विद्या से समाज का लेश मात्र भी भला न हो सके तो वो विद्या व्यर्थ है। सोचिये आपने अपने जीवन के पंद्रह वर्ष एक ऐसी विद्या पर खर्च किये जिसका कोई औचित्य ही नही, ये काम तो आप पचास पैसे मे भी कर सकते थे।और यही समय यदि आप समाज के काम मे लगाते तो समाज का भला होता। मैंने अपना समय समाज की भलाई मे लगाया इसीलिए लोग मुझे जानते हैं। “

 

दोस्तों आज के समय में व्यर्थ के काम करने वालो से दुनिया भरी परी है। व्यक्ति ऐसे कामों में व्यस्त है जिसका ना तो उसके स्वयं के जीवन में कोई उपयोग है और ना ही उस काम से किसी दूसरे व्यक्ति का भला हो सकता है। 

 

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उदाहरण के लिए आज बच्चे घर में बैठे मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर गेम खेलने में व्यस्त है, जिसके कारण ना तो वे ठीक से पढाई कर पाते है और गेम खेलते हुए ना तो कोई ऐसा कार्य कर करें है जिससे उनका, उनके परिवार या देश का भला हो सके। 

 

समय बहुत कीमती है और समय का उपयोग करते हुए हमें कुछ ऐसा कार्य करते रहना चाहिए जिससे खुद का और दूसरो का भी भला हो। क्योकि एक बार समय हमारे हाथ से निकल गया तो हम उसे दोबारा हासिल नहीं कर सकते। 

 

हर व्यक्ति अपने जीवन में सफल होना चाहता है, और अपना एक मुकाम हासिल करना चाहता है।  लेकिन व्यक्ति समय का ठीक से उपयोग ना कर पाने कि वजह से अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाता और यदि उनसे अगर पूछ लिया जाए कि आप सफल क्यों नहीं हो पाए,  तो उनका जवाब होता है कि किस्मत में नहीं था या फिर मेरे पास समय नहीं था कि में कुछ अलग कर पाता। 

 

लेकिन सच तो यही है कि धरती पर हर व्यक्ति के पास एक समान समय है, सभी के पास दिन में 24 घंटे होते है और सभी के पास साल में 365 दिन। मायने रखता है कि हम अपने समय को कैसे और किन चीजों में खर्च करते है। इसलिए हमें जल्द से जल्द समय कि महत्वता और समय का ठीक से उपयोग करने कि दक्षता हासिल कर लेना चाहिए।

आशा करता हूँ आपको हमारी यह ब्लॉग पोस्ट “समय का सही उपयोग” (motivational story in hindi) अवश्य पसंद आयी होगी।  यदि आपको हमारी यह inspirational story in hindi पसंद आयी हो तो इसे आपने दोस्तों में शेयर करना ना भूलें। 

धन्यवाद।

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