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नौकरी करें या बिज़नेस? किसमें कितना है रिस्क, जानिए आपके लिए क्या है बेहतर | Business VS Job in Hindi

दोस्तों यदि मै आपसे पूंछू कि दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति का नाम बताओ तो निश्चित ही आप जेफ़ बेजोस, बिल गेट्स, एलोन मस्क, लैरी पेज, वारेन बफेट आदि का नाम लेंगे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये लोग इतने अमीर कैसे बने ? आखिर ऐसा क्या करते है ये लोग जो इतने अमीर है। 

 

दोस्तों इस प्रश्न का केवल एक ही उत्तर है कि ये लोग नौकरी नहीं करते। और ये मैं दावे से कह सकता हूँ कि टॉप 100 रिचेस्ट पर्सन की लिस्ट में भी ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जो नौकरी करता हो और सबसे अमीर व्यक्ति की लिस्ट में शामिल हो।

 

तो इसका मतलब क्या हमें नौकरी बिलकुल भी नहीं करना चाहिए? अब क्या हमें अपनी नौकरियां छोड़ कर अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर देना चाहिए?

 

नमस्कार दोस्तों ! स्वागत है आप सभी का हिंदियोगी के इस ब्लॉग पोस्ट में जहाँ हम जानेंगे नौकरी करना सही है या बिज़नेस ,नौकरी करना ज्यादा जोखिम है या बिज़नेस करना? | Business VS Job in Hindi.

 

हम सभी लोग जानते है की एक समय में भारत सबसे समृद्ध देश हुआ करता था जिसके कारण भारत को सोने की चिड़िया भी कहा जाता था। 

 

उस समय यहाँ नौकरी करने वाले कम और व्यापारी अधिक हुआ करते थे। लेकिन अंग्रेजी शासकों ने हमारे देश की दिशा और दशा दोनों ही बदल कर रख दिया। जिसके कारण आज हमारे देश की एजुकेशन सिस्टम हमें एक अच्छा नौकर कैसे बनना है ये तो बताता है लेकिन एक अच्छा मालिक कैसे बनना है ये बिलकुल नहीं बताता। 

 

और यही कारण है की हमारे देश में नौकरी लेने वालों की संख्या अधिक है और नौकरी देने वालो की संख्या बहुत कम जिसके कारण आज अच्छा पढ़ा लिखा इंसान भी बेरोजगार है। 

 

खैर, ये एक पोलिटिकल मुद्दा है और इस विषय को उन बाबू लोगो पर ही छोर देते है जो इलेक्शन के टाइम पर बेरोजगारों को रोजगार और व्यवसाय करने वालो को अवसर देने की बातें करते है और सत्ता मिलने पर सारे वादें झूठे साबित होते है। 

 

फ़िलहाल हम लौटते है अपने मुद्दे पर और समझते है नौकरी करने में ज्यादा रिस्क है या बिज़नेस करने में। 

 

नौकरी और व्यवसाय को लेकर आज हर व्यक्ति के मन में दुविधा बनी रहती है कि उसे नौकरी करनी चाहिए या खुद का बिज़नेस।

बहुत से लोग अपने करियर की शुरुआत में नौकरी करने लग जाते है लेकिन आगे चल कर उन्हें एहसास होता है कि यदि वे खुद का कोई व्यवसाय करते तो और अधिक तरक्की कर सकते थे, और दूसरी और कुछ लोगो को व्यवसाय से कोई खास लगाव नहीं होता लेकिन किसी के कहने या किसी को देख कर पहले ही बहुत सारा पैसा किसी व्यवसाय में लगा चुके होते है और पैसा गवां देते है। 


आगे इस पोस्ट में जॉब और बिज़नेस के Pros and Cons दोनों के बारे में अच्छे से समझेंगे ताकी आप खुद डिसाइड कर सको कि आपके लिए जॉब करना ठीक रहेगा या बिज़नेस

सिक्योरिटी एंड स्टेबिलिटी :  यदि आपको एक सिक्योर और  स्टेबल इनकम चाहिए तो आपके लिए जॉब एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है।  

 

क्योकिं बिज़नेस में सिक्योरिटी की कोई गारंटी नहीं होती ,कब आपका कम्पटीटर  (Competitor) आपके बिज़नेस को खा जाए कुछ नहीं कहा जा सकता इसलिए यदि आप बिज़नेस में हो तो आपको खुद को हमेशा अपडेट रखना होगा ताकि आपका कम्पटीटर आपसे आगे न निकल जाए। 

 

दूसरी बात की बिज़नेस में इनकम कभी स्टेबल नहीं होती। कभी कम प्रॉफिट से गुजारा करना होता है तो कभी अधिक प्रॉफिट भी होता है। 

 

ओनरशिप : नौकरी में हर लेवल पर आपका कोई न कोई बॉस होगा और आपको अपने बॉस के कहे अनुसार ही काम करना होगा।  आप अपने अनुसार कोई भी काम नहीं कर सकते।  लेकिन बिज़नेस में ऐसा नहीं है।  बिज़नेस में आप खुद बॉस होते है।  और हर अच्छे और बुरे का फैसला आप खुद करते है और बिज़नेस में लिया गया यही फैसला आपके बिज़नेस का भविष्य तय करता है। 

 

एजुकेशन : दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में शुमार बिल गेट्स कहते है कि मै एक कॉलेज ड्रॉपआउट स्टूडेंट हूँ। मेने न तो अपनी ग्रेजुएशन पूरी की और न ही में अपने स्कूल में टॉपर रहा लेकिन आज दुनिया के टॉपर स्टूडेंट्स मेरे अंडर में काम करते है।  

 

कहने का मतलब है कि यदि आपको किसी अच्छी कंपनी में नौकरी करनी है और अच्छी सैलरी लेनी है तो आपके पास अच्छी डिग्री होनी अनिवार्य है।  लेकिन यदि आपको एक बिजनेसमैन बनना है तो आपके लिए डिग्री मायने नहीं रखती। मायने रखती है तो वो है आपका हुनर,कि आप अपने कस्टमर की जरूरतों को कितनी जल्दी और कितनी आसानी से समझ पाते हो और कितनी कुशलता से अपने प्लान को एग्जीक्यूट कर पाते हो। 

 

निवेश (Investment): दोस्तों नौकरी करने वालो को नौकरी पाने के लिए किसी प्रकार की इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता नहीं होती, और तो और उनकी आय भी तुरंत शुरू हो जाती है।  लेकिन एक बिज़नेस करने वाले व्यक्ति को किसी भी प्रकार का व्यवसाय शुरू करने के लिए निवेश की आवश्यकता होती है। इसके अलावा जब कोई व्यक्ति अपना कोई व्यवसाय शुरू करता है तो जरूरी नहीं की उसे तुरंत प्रॉफिट होना शुरू हो जाए।  प्रॉफिट कमाने में थोड़ा वक्त भी लग सकता है। 

 

आय की सीमा ( Limit of Income) : दोस्तों ये बात हर नौकरी करने वाला इंसान जानता है कि उसे पूरे महीने मेहनत करना होगा और महीने के अंत में एक निश्चित राशि सैलरी के रूप में उसे भुक्तान कर दिया जाएगा।  भले ही उसने एक्स्ट्रा काम किया हो लेकिन सैलरी उतनी ही दी जाएगी जितनी सैलरी उसे कहा गया था। 

 

लेकिन बिज़नेस में ऐसा नहीं है।  बिज़नेस से आप अनलिमिटेड इनकम कमा सकते हो। जितना ज्यादा आप मेहनत करोगे उतना ज्यादा आप इनकम करोगे। 

 

लाइफ स्टाइल : यदि आप महत्वाकांक्षी है। आपके सपने बड़े है। आपकी ख्वाहिशे बड़ी है। आप दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहते है। आप भी चाहते है कि आपके पास भी बड़ी गाड़ी हो , शानदार घर हो , आपके बच्चे दुनिया के बेस्ट स्कूल में पढ़े तो नौकरी करके आप ऐसा कुछ हासिल नहीं कर सकते।  

 

यक़ीन मानिये नौकरी से आप अपनी जरूरतें पूरी कर सकते हो ख्वाहिशें नहीं

 

यदि आपको अपनी लाइफ स्टाइल बेहतर बनानी  है और अपने सपनो को पूरा करना है तो आपको नौकरी के वजाय व्यवसाय कि और जाना चाहिए।

समय की आजादी (Time Freedom): दोस्तों क्या अपने कभी किसी नौकरी करने वाले व्यक्ति के मुँह से सुना है की मै फैलाने कंपनी मै काम करता हूँ और मेरा जब मन करता है काम करता हूँ नहीं करता तो नहीं करता हूँ और जब मन करता है घर आ जाता हूँ। दावे से कहता हूँ कभी नहीं सुना होगा।  

 

नौकरी करने वालो को 8 – 12 घंटे कंपनी को देना ही होता है । यदि आप किसी दिन किसी कारणवश जल्दी घर आ भी गए तो उस दिन आपकी हाफ डे सैलरी कट हो जाएगी।  और साथ ही समय पर भी ऑफिस पहुंचना होता है वार्ना बॉस की डाट तो पड़ेगी ही और सैलरी कटेगी अलग। 

 

लेकिन बिज़नेस मै आप खुद बॉस है।  यदि किसी दिन ऑफिस लेट भी पहुचें तो भी किसी की हिम्मत नहीं की कोई आपसे पूछ ले की इतना लेट कैसे आये।  और यदि कभी  किसी जरुरी काम से ऑफिस से बाहर या घर भी जाना पड़ जाए तो भी आपको किसी से पूछने की भी आवश्यकता नहीं। 

 

जोखिम (Risk) : दोस्तों यदि मै आप लोगो से एक प्रश्न करूँ कि नौकरी और बिज़नेस मै सबसे ज्यादा जोखिम (Risk) किसमें है तो निश्चित ही आप लोगो का जवाब होगा बिज़नेस मै जोखिम ज्यादा होता है।  और ये जवाब ठीक भी है। क्योकिं जॉब मै किसी प्रकार का निवेश नहीं किया गया होता है।  यदि कंपनी डूबेगी भी तो मालिक का पैसा डूबेगा, हमारा क्या। 

 

लेकिन दोस्तों कल्पना कीजिये कि आप एक अच्छी कंपनी में जॉब कर रहे है, आपकी सैलरी भी अच्छी है  और उसी सैलरी के बेस पर आपने होम लोन, कार लोन ,पर्सनल लोन या अन्य प्रकार का कोई लोन ले रखा है।  और एक दिन आता है कि आपकी अपने बॉस से किसी बात पर बहस हो जाती है और आपका बॉस आपको नौकरी से निकाल देता है।  और अब आप दूसरी जगह नौकरी कि तलाश कर रहे है लेकिन कोई ढंग कि नौकरी मिल नहीं रही है और यदि मिल भी रही है तो सैलरी उतनी नहीं मिल रही जिससे आपके लोन की EMI और बाकि खर्चे पूरे हो सके। तो सोचिये आप उस स्तिथि मै क्या करेंगे। 

 

साथ ही जॉब मै हम हमेशा अपनी और अपने परिवार की ख्वाहिशों और सपनो के साथ Compromise ही करते है। 

 

ये कहना गलत नहीं होगा की बिज़नेस मै आप 5 साल मै इतना इनकम जेनेरेट कर सकते है जितना नौकरी मै आप 50 सालों में भी नहीं कर सकते। 

 

 कहने का मतलब है जोखिम दोनों मै बराबर है।  डिपेंड करता है आपका नजरिया उस जोखिम के साथ कैसा है सकारात्मक है या नकारात्मक।

तो दोस्तों ये थी Job Vs Business in hindi.  अब आप पर डिपेंड करता है की आप खुद को किस फील्ड मै ज्यादा सक्षम और प्रभावी मानते है।

 

आशा करता हूँ कि आज का ये पोस्ट आपको पसंद आया होगा।  आपको यदि यह पोस्ट अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों मै शेयर करना न भूलें।  यदि इस ब्लॉग पोस्ट को लेकर आपके मन में कोई प्रश्न या सुझाव है तो हमें कमेंट मै जरूर लिखें। 

 

धन्यवाद 

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