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how to control you mind

How To Control Your Mind: कामयाब होने के लिए जरूरी है मन पर खुद का control होना । जानिए कैसे?

कामयाब होने के लिए हम सभी के लिए यह जानना बहुत जरुरी है कि हम अपने दिमाग को कंट्रोल कैसे करें (How to control our mind in hindi)  और उससे वो काम कैसे करवाए जो हम चाहते है ना कि जो मन चाहता है।

How To Control Your Mind: दोस्तों, यदि मैं आपसे पूछूं कि दुनियां में कामयाब होने के लिए सबसे ज्यादा किस चीज कि जरुरत है, तो संभवतः आपका जवाब होगा कि हमें ज्यादा से ज्यादा मेहनत करनी चाहिए।  लेकिन एक चीज है जो इससे भी ज्यादा जरुरी है और वो है , हमारे मन पर खुद का कंट्रोल होना (control your mind)।  जी हाँ दोस्तों।  जिस भी इंसान ने खुद के मन पर कंट्रोल हासिल कर लिया समझो वह कामयाब हो गया।  

मन बहुत ही चंचल होता है और वह हमेशा कम्फर्ट ज़ोन में ही रहना पसंद करता है।  उसे रिस्क लेना, मेहनत करना, काम करना पसंद नहीं। और इसलिए यदि आप मन के कंट्रोल में हो तो आप कभी कामयाब नहीं हो सकते। कामयाब होने के लिए आपको अपने मन को अपने वश में करना होगा और उससे वो काम करवाना होगा जो आप चाहते है ना कि जो मन चाहता है। 

जानिए कैसे आप अपने रोज़ की दिनचर्या मे छोटे छोटे बदलाव ला कर जल्दी से जल्दी अपने मन को कंट्रोल और शांत कर सकते हैं। यकीन मानिये ये सारे बदलाव हम खुद अपने अनुभव से बता रहें हैं। आप इन बदलावो को बस एक हफ्ते तक अपने जीवन मे लाइये और असर खुद देख लीजिये। 

हम अक्सर सुनते हैं मन का शांत होना जरूरी है। मन को शांत रखिये। पर मन का शांत होना है क्या ?, आइये जानते है.

क्या एक जगह शांति से पड़े रहना मन का शांत होना है? या फिर किसी साफ शांत सुंदर जगह पर जा कर समय बिता कर जो महसूस होता है उसे मन की शांति कहते हैं?

तो इसका जबाव है नही! 

ऐसी जगह जा कर आप कुछ समय के लिए तो अच्छा महसूस  कर सकते हो, लेकिन बाद मे फिर वही हाल हो जायेगा। 

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मन के शांत होने से मतलब आप के आस-पास कुछ भी हो रहा हो उसका असर आपके मन पर बिल्कुल न पड़े । आपका मन स्थिर हो और आप जो काम कर रहे हो आपका पूरा ध्यान उस काम पर हो। । इसे कहते हैं मन का शांत होना।


चलिए इसे एक कहानी से समझते हैं।

मन के शांति कि परिभाषा

एक बार एक पेंटिंग कॉम्पिटिशन रखी गयी जिसमे शांति (peace) को परिभाषित करने को कहा गया । इस कॉम्पिटिशन को जीतने वाले को दस लाख रुपए देने का वादा किया गया। चूंकि धनराशि इतनी बड़ी थी इसीलिए बहुत सारे लोगो ने इसमे भाग लिया। लोग अपनी सबसे सुंदर पेंटिंग के साथ उस प्रतियोगिता मे आये। । एक से बढ़ कर एक पेंटिंग। किसी मे पहाड़ों की खूबसूरत वादियाँ थी तो किसी मे नदी की जलधारा तो कहीं प्रकृति की सुंदरता जिन्हे देख कर ही लोगो का दिमाग ठहर जाए। मन शांत हो जाए। 

प्रतियोगिता रखने वाले ने इन सभी पेंटिंग्स की एक एक्जिबिशन लगाई। बहुत से लोग इसे देखने पंहुचें। उन्हें भी जानना था की कौन जीतता है। 

आखिर मे प्रतियोगिता रखने वाले व्यक्ति ने कुछ प्रसिद्ध लोगो को के साथ मिल कर एक पेंटिग को चुन लिया उस पेंटिंग को एक कपड़े से ढक के सबके सामने लाया गया। लेकिन जब उस कपड़े को हटाया गया तो सब हैरान रह गए। पूरे हॉल मे हड़कंप सा मच गया। क्योकि उस पेंटिंग का शांति से दूर दूर तक कोई नाता नही था।

पेंटिंग मे एक घर था और उस घर मे एक आदमी जो खिड़की से बाहर देख रहा था । और बाहर आंधी तूफान आई हुई थी बिजली कड़कने की चमक साफ देखी जा सकती थी। 

सभी लोग हैरत मे पड़ गए सब लोगो ने सोचा शायद कहीं पर कोई गलती हो गयी है। लेकिन प्रतियोगिता रखने वाले व्यक्ति ने कहा की ये पेंटिंग बिल्कुल ठीक है । इतना सुनते ही प्रतियोगिता मे भाग लेने वाले लोगो को गुस्सा आ गया । कुछ मीडिया वाले तुरंत प्रतियोगिता रखने वाले व्यक्ति के पास पंहुचे और उनसे सवाल करने लगे। प्रतियोगिता रखने वाले व्यक्ति उनके सवालो पर मुस्कुराये और बोले “आपके सवाल जयाज़ हैं लेकिन सवालों से पहले आप एक बार इस पेंटिंग को ध्यान से देखिये शायद आपको वो नज़र आ जाये जो हम लोगो को आया। 

आप लोगो ने वो तो देखा जो नज़र आ रहा है ये आंधी, ये तूफान पर इसी पेंटिंग मे एक घर है जिसकी खिड़की पर एक आदमी बाहर देख रहा है और वो इन सब के बाद भी मुस्कुरा रहा है। उसके चेहरे पर कोई डर नही है बल्कि सुकून है और यही शांति की असली परिभाषा है जिसमे बाहर क्या हो रहा है उससे कुछ मतलब नही है अगर आपका मन बिल्कुल शांत और सुकून भरा है तो आपको दुनिया की कोई चीज हिला नही सकती। ऐसे लोग कहीं भी जाएं किसी भी परिस्थिति मे हो वो उसका आनंद लेते हैं न की परिस्थितिति से भागते हैं। 

और जब मन शांत होगा तब हम अपना काम भी अच्छे से कर पाएंगे अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। जब हम अपना काम ठीक से करेंगे तो कामयाबी मिलनी ही मिलनी है। 

मन को शांत करने से पहले हमें ये जानना होगा की हमारे मन के अशांत होने का क्या कारण है। जिसमे हम सबकी समस्या शामिल है। 

किसी को घर से दिक्कत है तो किसी को घर वालो से। किसी को घर की परेशानी से दिक्कत है तो किसी को घर वालो की परेशानी से। कोई अपने काम से खुश नही तो किसी को किसी दोस्त या खास इंसान से समस्या है।

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हम मे से बहुत से होंगे जो किसी परीक्षा, काम या किसी प्रतियेगिता मे असफल हुए होंगे या फिर असफल होने के डर मे जी रहे होंगे। तो ये सारी समस्याएँ आम सी हैं जो हम सब को होती है पर यही वो समस्याएँ हैं जो हमारी कामयाबी मे बाधा बनती हैं इस पर यदि समय रहते काम कर लिया जाए तो हमे कमयाब होने से कोई नही रोक सकता। 

अब सवाल ये है की मन को शांत किया कैसे जाए। क्योंकि इंसान का मन किसी तूफानी समुद्र मे चलती नाव की तरह होता है अगर हम इसे अपने कंट्रोल मे रखें तो मजे से समुद्र पार कर सकते हैं पर इसी नाव मे छोटा सा छेद भी हो जाए तो इसका डूबना तय है।

मन को शांत या कंट्रोल मे रखने के 10 असरदार तरीके : (how to control your mind)

सुबह जल्दी उठें:– सुबह उठ कर पढ़ाई या कोई काम हो ये जरूरी नही सुबह उठ कर सैर करें या किसी खुली जगह पर दस मिनट के लिए ही सही जरूर जाएं अगर आप बाहर नही जा सकते तो छत या बालकनी मे ही थोड़ी देर खड़े हो जाएं। इससे आपको कुछ नया अनुभव जरूर मिलेगा। 

योग व ध्यान:- अगर आप सुबह योगा कर सकते हैं तब तो ये बहुत अच्छी बात है। अगर आप ये नही कर सकते तो पांच मिनट के लिए ध्यान जरूर करें जहाँ आपको बस आँखें बन्द करके अपने भौंये के बीच के हिस्से मे ध्यान से देखना है। शुरू मे मन भटकेगा लेकिन धीरे धीरे आदत हो जायेगी। 

ईश्वर की पूजा:- आप जिन भी ईश्वर या शक्ति मे यकीन रखते हों उन्हें दिन मे एक बार याद जरूर करें उनकी पूजा, दीप अर्पण या किसी भजन के द्वारा उनको इस जीवन के और जो कुछ भी उन्होंने आपको दिया है उसका धन्यवाद करें । जरूरी नही ये सुबह ही हो आप अपने समय के हिसाब से कर सकते हैं लेकिन ये काम सुबह या शाम हो तो ज्यादा अच्छा है। 

सकरात्मक सोचें:- अब ये सकारतमक सोचना क्या होता है। मान लीजिये आप किसी परीक्षा मे जा रहें हैं तो आप सोचेंगे “मैं पक्का इसमे पास हो जाऊंगा या जाऊंगी। ” तो नही ये सकरात्मक विचार पूरी तरह से नही है क्योंकि यदि दुर्भाग्य वश आप उस परीक्षा मे सफल न हो पाए तो आपको अपने मन के द्वारा और अधिक परेशानी झेलनी पड़ सकती है इसीलिए आपको ऐसा सोचना चाहिए की मुझे मेहनत पर ध्यान देना है परिणाम चाहे जो हो। हो सकता है मैं सफल हो जाऊँ तब तो बहुत ही ज्यादा सही है लेकिन अगर असफल भी हो जाऊँ तो कोई बात नही । कई ऐसे लोग हैं जो गिर कर फिर संभलते हैं। इससे मुझे सीख लेनी है और अगली बार कहीं भी वो गलती नही दोहरानी है जो इसमे हो गयी थी। इस तरह की सोच को सकरात्मक सोच कहते हैं। 

ज्यादा न सोचें:–  ओवर थिंकिंग ( over thinking) ये हमारे ख्याल से सबकी ही समस्या है । और अगर आप हमारी नज़र से देंखे तो ये कोई समस्या है ही नही। क्योंकि ज़्यादा सोचना गलत नही है पर ज्यादा गलत सोचना गलत है। हम पूरा दिन कुछ न कुछ कचरा सोचते रहते हैं जिसका कोई मतलब नही होता । हमे इसे कंट्रोल करना सीखना चाहिए। अब इसे कंट्रोल कैसे कर सकते हैं तो इसके भी तरीके हैं:- 

अपने विचारों को लिख कर हम इसे कंट्रोल कर सकते हैं। 

अपने विचारो को सही दिशा दे कर। आप किसी एक टॉपिक को लीजिये और सिर्फ उसी टॉपिक के बारे मे सोचिये इससे आप अपने विचारो को दिशा तो देंगे ही साथ ही उस टॉपिक के बारे मे नई जानकारी भी सोच सकते हैं। इससे आपके ज्ञान मे भी वृद्धि होगी। 

आप अपना कोई पसंदीदा गाना भी अपने मन ही मन गुनगुना सकते हैं इससे आपका मन भी प्रसन्न होगा और आप अपनी सोच को विराम भी दे सकते हैं। लेकिन गाने के बोल आपको बिल्कुल सही गुनगुनाने हैं। उस पर ध्यान देना है। 

दुसरो से तुलना न करें:– आप नही जानते की दूसरा व्यक्ति जो हँस रहा है उसके अंदर कितनी उधल पुधल है। हो सकता है वो सिर्फ बाहर से हँस रहा हो अंदर से टूटा हुआ हो। कोई व्यक्ति आपसे अमीर है । आप नही जानते उसने यहाँ तक आने के लिए क्या क्या किया है। इससे अच्छा आप अपने आप को देखें की मेरे पास क्या है। मैं क्या कर सकता हूँ। 

भविष्य की चिंता न करें:- हममें से अधिकतर लोग ये सोचते रहते हैं की मेरा भविष्य क्या होगा, मैं कुछ कर पाऊँगा या पाऊँगी की नही। तो ये सोचना बिल्कुल छोड़ दें क्योंकि आप क्या कोई नही जानता की अगले पल मे क्या हो जायेगा। आपने 2012 मे दुनिया खतम होने वाली है की अफवाह सुनी ही होगी सोचिये अगर वो सच होती। अगले ही दिन दुनिया खत्म होने वाली होती  तो कोई क्या कर लेता। तो किस भविष्य की चिंता करते हैं हम जो है ही नही जो है बस आज है अभी है। आप सिर्फ ये सोचिये की “आज मेरी जिंदगी का सबसे बेस्ट दिन होगा”। और अपना काम कीजिये फिर जो होगा सही ही होगा। 

खुद पर विश्वास रखें:- खुद पर यकीन रखें। आप कोई  काम देखते हैं तो ये न सोचें ये तो मुझसे होगा ही नही। एक बार कोशिश जरूर करें और ये सोचें की अगर ये काम वो कर सकता है तो मैं भी कर सकता हूँ । थोड़ा समय लग सकता है लेकिन मैं भी ये कर सकता हूँ। 

खुद पर यकीन करने के लिए भी आप कुछ कोशिश कर सकते हैं। खुद को छोटी छोटी मुश्किलों मे डाले।  इससे हम बहुत डरते हैं। जबकि यही एक रास्ता होता है हमे बेहतर बनाने के लिए। अगर आप खाली हैं तो कोई पार्ट टाइम काम कर सकते हैं । जो आपका खुद का हो या फिर किसी के नेतृत्व मे। इससे आपके पास छोटी छोटी मुश्किलें आयेगी तो उससे भागिये मत उसका हल निकालना सीखिये इससे आपके अंदर खुद के प्रति विश्वास बढ़ेगा। 

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उम्मीद न करना: – इंसान काम कम करता है लेकिन अपेक्षाएं बहुत रखता है। चाहे वो खुद से हो या दूसरो से और यहीं गड़बड़ होती है। हम उम्मीद से ज्यादा अगर काम करें तो इससे न सिर्फ हम बल्कि हमारे आसपास वाले भी खुश रहेंगे। इस तरह हमे कोई दुख भी नही पंहुचा पायेगा। 


खुद को खुश रखें :-  दिन मे एक ऐसा काम जरूर करें जिससे आपका चित्त प्रसन्न हो आपको खुशी मिले। फिर चाहे वो किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट लानी हो या फिर किसी की मदद करना। लेकिन ये सब भी हम तभी कर  सकते हैं जब हम खुश हों। इसके लिए आप अपना कोई पसंदीदा काम भी कर सकते हैं। ज्यादा नही तो कम से कम एक घंटा वो काम जरूर करें चाहे वो डांस हो गाना हो, लिखना हो, पेंटिंग हो या जो भी आपको पसंद हो।

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