कैसे बना बिहार भारत का सबसे गरीब राज्य? ये है वजह | How Bihar Is A Backward State of India.

how to bihar is backword state in india

बिहार भारत देश का सबसे पिछड़ा राज्य है। आज सबसे ज्यादा बेरोजगारी बिहार में है। सबसे ज्यादा कुपोषण के मामले बिहार में पाए जाते है।  इतना ही नहीं, भारत का सबसे भुखमरी और गरीब राज्य का दर्जा भी बिहार के सर है। 

 

लेकिन क्या आप जानते है कि एक समय में बिहार सबसे विकसित राज्य हुआ करता था। बिहार एक समय में भारत ही नही बल्कि पूरी दुनिया के लिए ज्ञान का केंद हुआ करता था। यहाँ कि संस्कृति और कला पूरे विश्व में विख्यात थी।  लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ जिसके कारण आज बिहार का ऐसा हाल है कि बिहार के लोग ही खुद को बिहारी कहलाने में कतराते है। 

 

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का हिंदियोगी के इस ब्लॉग पोस्ट में जहाँ हम जानेंगे उन वजहों के बारे में जिसके कारण बिहार आज देश के सबसे गरीब राज्यों में गिना जाता है। 

 

लेकिन इससे पहले हम बिहार के कुछ ऐसे इतिहास के बारें में जानते है जिससे हमें मालूम होता है कि बिहार कभी एक समय में भारत का बहुत ही समृद्ध राज्य हुआ करता था और जिसे सुन कर हर बिहारी को बिहारी होने पर गर्व होगा और हर देशवासी को बिहारियों पर गर्व होगा।

बिहार की मिट्टी ने न जाने कितने ही महान व्यक्तित्व को सींचा है,स्त्री पवित्रता की पराकाष्ठा माता सीता का जन्म भी बिहार की भूमि से हुआ, गणितज्ञ, खगोल शास्त्र के जानकार और ज्योतिषी रह चुके आर्यभट  का जन्म भी इसी भूमि मे हुआ इतना ही नही पूरे भारत को एक सम्राज्य के रूप मे स्थापित करने वाले मौर्य सम्राज्य के जनक चंद्रगुप्त मौर्य का जन्म भी बिहार मे हुआ।

 

बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध के शरीर का जन्म वैसे तो  नेपाल मे हुआ था लेकिन उनका बौद्धिक जन्म बिहार के एक स्थान गया मे हुआ जो आज भी बोधगया के नाम से प्रसिद्ध है।  यहीं से उनके एक साधारण मनुष्य से भगवान बनने की शुरुआत हुई थी ये एक तरह से उनका दूसरा जन्म था।जैन धर्म के अन्तिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म वैशाली मे हुआ जो बिहार मे स्थित है।

दुनिया का पहला विश्वविद्यालय

आज बिहार कि शिक्षा व्यवस्था बहुत ज्यादा ख़राब है, लेकिन क्या आप जानते है कि दुनिया का पहला विश्वविद्यालय बिहार में ही खोला गया था जिसे नालंदा विश्वविद्याल के नाम से जाना जाता था। 

 

देश विदेश से लोग यहां शिक्षा ग्रहण करने आया करते थे। नालंदा विश्वविद्यालय कि स्थापना 5 वीं सदी में हुई थी जिसे आक्रमण के बाद सन 1193 में ध्वस्त कर दिया गया।

सबसे ज्यादा आईएएस और आईपीएस अफसर बिहार से

इस बात से हर कोई परिचित है कि देश में सबसे अधिक आईएएस और आईपीएस बिहार राज्य से ही निकलते है। इतना ही नहीं सबसे ज्यादा बैंक पीओ भी बिहार राज्य से ही निकलते है।

देश के पहले राष्ट्रपति

देश कि राजनीती में भी बिहार का बहुत बड़ा योगदान रहा है।  देश कि आजादी के लिए कई बड़े आंदोलन कि शुरुआत बिहार से ही हुई थी जिनमे से एक है चंपारण आंदोलन।

 

देश के पहले राष्ट्रपति भी बिहार कि ही धरती से निकले थे जिनका नाम था डॉक्टर राजेंद्र प्रशाद जो एक महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। 



परंतु अब बिहार की ऐसी दुर्गति कर दी गयी है की वहाँ दूसरे राज्य तो क्या खुद बिहार के लोग रहने से कतराते हैं। जहाँ लोगो को बिहारी होने पर, वहाँ की संस्कृति पर, इतिहास पर गर्व होना चाहिए था वहीं आज लोग यह बोलने मे भी शर्म महसूस करते हैं की वह बिहार से है। 

 

बिहार मे इतनी क्षमता है की वो अपने आपको ज़ीरो से हीरो बनाने की ताकत रखता है.  यहां जनसंख्या बहुत अधिक है जिनमे युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है, जो मेहनत, बुद्धि और कलाओं मे कुशल हैं जिसका सीधा सा अर्थ है यदि ये लोग चाहें तो बिहार को ऊँचाई पर पंहुचा सकते हैं। 

 

अब बात करते है कि ऐसे कौन से कारण है जिसकी वजह से बिहार सबसे पिछड़ा राज्य है

बिहार के बाकी राज्यों से पीछे रह जाने के भी बहुत से कारण है:

1.जनसंख्या:-

बिहार की जनसंख्या का अधिक होना वहाँ के पिछड़े पन का एक महत्वपूर्ण कारण है क्योंकि इस जनसंख्या का उचित इस्तेमाल कभी किया ही नही गया। जितनी वहाँ जनसंख्या है उतने न ही स्कूल और कॉलेज हैं, न अस्पताल और न ही रोजगार के साधन इसलिए यहाँ की शिक्षित दर सबसे कम है, अस्पताल कम होने से मृत्यु दर और जन्म दर अनियमित है।

2.भौगोलिक स्तिथि:-

बिहार के कई इलाके ऐसे हैं जहाँ हर साल सूखा पड़ जाता है तो कुछ इलाके ऐसे हैं जहाँ बाढ़ आ जाती है. इसी कारण वहाँ सबसे अधिक पलायन होता है । 

दूसरा गुजरात,महाराष्ट्र आदि जैसे राज्य किसी एक दिशा से अंतराष्ट्रीय सीमा से जुड़े हुए हैं पर बिहार पूरी तरह से बंद है जिसका लाभ उसे जरा भी नही मिलता।

3.उद्योग :-

बिहार मे अब तक एक भी बढ़ा उद्योग नही है हिंदुस्तान युनिलिवर को छोड़ कर। यहाँ कोई भी निवेश करने का जोखिम उठाता ही नही है। यहाँ बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि से वस्तुओ का केवल आयात किया जाता है जबकि निर्यात न के बराबर होता है।

4.Freight Equalization Policy:-

1952 मे सरकार ने इस नीति को लागू किया जिसके तहत उद्योगपतियों को कहा गया कि वह किसी भी राज्य से खनिज संसाधन, किसी भी राज्य मे ले जा सकते हैं साथ ही उन्होंने खनिज प्रदार्थो के परिवहन पर सबसीडी भी दी जिससे उद्योगपतियों ने महंगे इलाको मे अपने उद्योग लगाये और सारा खनिज और कच्चा माल बिहार जैसे पिछड़े इलाको से ले गए। 

 

यदि यह नीति न होती तो उन्हें इन्ही पिछड़े इलाको मे अपने उद्योग लगाने पड़ते जिससे यहाँ रोजगार के अवसर बढ़ते।

5.पिछड़ी सोच:-

बिहार का हर दूसरे युवा के दिमाग मे बचपन से यह बात बैठा दी जाती है की वह बड़ा हो कर एक बड़ा अफसर बनेगा जिससे हर पढ़ा लिखा व्यक्ति केवल आई पी एस, आई ए एस की होड़ मे लगा रहता है. उसके खुद की कार्यकुशलता, उसका टैलेंट इसी होड़ मे गुम हो जाता है। और सरकारी नौकरी भी आसानी से उन्हे नही मिलती जिससे वो न घर का रहता है न घाट का।

 

यही नही कई लोग तो अपने बच्चो को सरकारी नौकरी की होड़ मे इसलिए शामिल कराते हैं क्योंकि इससे उन्हें अधिक से अधिक दहेज मिल सकता है. इस तरह की मानसिकता भी बिहार के पिछड़ेपन का कारण है। 


इतना ही नही बिहार को जाति राजनीति के कारण इतना गिरा दिया गया है की अब उसका उठना मुश्किल होता जा रहा है। परंतु अब भी समय रहते यहाँ शिक्षा, स्वास्थ और रोजगार दुरुस्त कर दिया जाए तो बिहार केवल खुद को ही नही बल्कि भारत “को” भी ऊँचाई पर ले जा सकता है

Chandu Kumar: नमस्ते, आदाब, ससरियाकाल,दोस्तों ,मै Chandu Kumar (writer, founder of hindiyogi.in) आपका तहे दिल से apke apne blog “hindiyogi.in” पर स्वागत करता हूँ और hindiyogi.in पर आने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूँ