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ppf vs nps in hindi

NPS या PPF? जानिए एक्सपर्ट क्या कहते है | रिटायरमेंट के लिए कौन कितना फायदेमंद?

रिटायरमेंट के बाद भी हमारी जिंदगी सुखमय बनी रहे और किसी प्रकार की कोई वित्तीय संकट उत्पन्न न हो इसके लिए हम पहले से ही रिटायरमेंट के बाद की तैयारी शुरू कर देते है। 

 

हम वर्तमान आय का एक पर्याप्त हिस्सा रिटायरमेंट प्लान के किसी स्कीम में जमा करते है।  जो हमारे रिटायरमेंट के बाद काम आती है। 

 

भारत में कई प्रकार के पेंशन स्कीम चल रही है उनमें से सबसे प्रमुख स्कीम है PPF और NPS.

 

लेकिन बहुत से लोगों में यह मतभेद है की पेंशन अथवा रिटायरमेंट के लिए PPF और NPS में से कौन सी क्रीम सबसे बेहतर है।  

 

तो आज इस ब्लॉग पोस्ट में हम इन दोनों के बारे में बात करेंगे और अपनी सुविधानुसार जानने की कोशिश करेंगे की कौन सा प्लान सबसे बेहतर है। 

 

PPF और NPS दोनों ही स्कीम भारत सरकार द्वारा संचालित की जाती है। PPF एक इन्वेस्टमेंट प्लान है जिसमें मैच्योरिटी के बाद एकमुश्त राशि मिलती है। जब की NPS एक पेंशन प्लान है।  इसमें मच्योरिटी पर आप कुल राशि का 60 % ही एकमुश्त राशि निकाल सकते है और बाकी 40 % राशि आपको पेंशन के रूप में हर महीने जिंदगी भर मिलती रहती है।

निवेश पर सुरक्षा

PPF में निवेशकों का पैसा स्टेट गवर्नमेंट और सेंट्रल गवर्नमेंट के स्पेशल सिक्योरिटी में निवेश होता है जिसके कारण PPF सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है । जब की NPS एक मार्केट लिंक्ड पेंशन प्लान है।  इसमें कुछ हिस्सा शेयर बाजार में निवेश होता है। 

 

शेयर बाजार में निवेश के कारण NPS थोड़ा सा रिस्की स्कीम हो सकता है लेकिन लॉन्ग टर्म निवेश के लिहाज से और NPS में आपके पैसे को पेंशन फंड द्वारा मैनेज किया जाता है इस कारण से आपके निवेश पर रिस्क बहुत कम हो जाता है।

प्रवेश आयु

PPF में निवेश के लिए कोई मिनिमम उम्र नहीं है. एक अभिभावक भी चाहे तो वह अपने नाबालिग बच्चे के नाम से PPF खाता खुलवा सकते है जबकि NPS में ऐसा नहीं है। NPS में केवल वही व्यक्ति खाता खुलवा सकता है जिसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है ।

खाता कहाँ से खुलवाएं

PPF में खाता आप किसी नजदीकी पोस्ट ऑफिस या बैंक जा कर खुलवा सकते है। NPS में खाता खुलवाने के लिए आपको POP के अधिकृत शाखा पर विजिट करना होगा। 

लॉक इन पीरियड

PPF और NPS दोनों ही लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्कीम है।  PPF में लॉक इन पीरियड 15 साल का होता है और NPS में लॉक इन पीरियड निवेशक के 60 साल की आयु तक होता है। 

 

PPF में निवेशक चाहे तो मैच्योरिटी के बाद यानी 15 साल बाद पूरा पैसा निकाल सकता है लेकिन NPS में निवेशक मैच्योरिटी के बाद कुल राशि का केवल 60 प्रतिशत ही निकाल सकता है। बाकी 40 % की एन्युटी खरीदनी होती है जिसके बाद उसे जिंदगी भर हर महीने पेंशन के रूप में रकम मिलती है । 

मिनिमम और मैक्सिमम इन्वेस्टमेंट

NPS और PPF दोनों में मिनिमम इन्वेस्टमेंट सालाना 500 रुपये है।  मैक्सिमम इन्वेस्टमेंट की बात करें तो PPF में आप 1.5 लाख सालाना निवेश कर सकते है लेकिन NPS में कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है।

रिटर्न किसमें सबसे अधिक मिलता है ?

PPF पर मिलने वाला ब्याज भारत सरकार द्वारा हर तिमाही में घोषित की जाती है।  मौजूदा समय में PPF पर 7.1 फ़ीसदी सालाना ब्याज मिलता है। लेकिन NPS एक मार्किट लिंक पेंशन प्लान होने के कारण इसमें अधिक रिटर्न का स्कोप रहता है।  

 

NPS में कोई फिक्स्ड रिटर्न नहीं मिलता लेकिन पुराने रिकॉर्ड देखें तो NPS ने निवेशकों को सालाना 8 % से 12 % तक का रिटर्न दिया है जो की PPF से काफी अधिक है।

टैक्स बेनिफिट

PPF में निवेश पर निवेशकों को इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.5 लाख तक का टैक्स  छूट मिलता है।  लेकिन अगर NPS की बात करें तो निवेशकों को 1.5 लाख के छूट के अलावा सेक्शन 80ccd (1B ) के तहत  50 000 तक के निवेश पर अतिरिक्त छूट मिलता है।  

यानी NPS में निवेश पर निवेशकों को 2 लाख तक का टैक्स छूट मिलता है।  

 

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PPF खाते पर मिलने वाला ब्याज और मच्योरिटी पर मिलने वाली रकम टैक्स फ्री होती है।  लेकिन NPS में मच्योरिटी पर मिलने वाली रकम जो की कुल रकम का 60 फ़ीसदी होती है वह टैक्स फ्री होता है लेकिन उसके बाद हर महीने पेंशन के रूप में मिलने वाली रकम टैक्सेबल होती है।

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