दोस्तों फ़िल्में देखना किसे पसंद नहीं है. फिल्मे हमें entertain करती है, लेकिन entertainment के साथ-साथ बहुत कुछ सिखाती भी है.
फिल्मों को अगर ठीक से देखें तो उनमें भी एक lesion छिपी होती है, जो हमें बहुत कुछ सीखा सकती है.
फ़िल्में कहीं न कहीं हमारे निजी, सामाजिक, व्यवसाय जीवन पर ही आधारित होती है. अगर हम चाहे तो बहुत सी अच्छी बाते फिल्मों और उनमें बोले गए डायलॉग से सीख सकते है और अपने जीवन में उन बातों पर अमल करके सफ़ल हो सकते है.
आज इस ब्लॉग पोस्ट में मैं आपको हिंदी सिनेमा के कुछ ऐसे ही Famous Dialogues से रूबरू करवाऊंगा जो आपको आपके निजी और व्यावसायिक जीवन में सफ़ल होने में मदद करेगी और आपके जीवन में क्रांति ला देगी।
#1. अम्मी जान कहती थी कोई धंधा छोटा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता - रईस
दोस्तों रईस मूवी का ये डायलॉग किसे याद नहीं होगा। धंधा कोई छोटा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। दुनियाँ में अगर ढूढ़ने निकलो तो ऐसे बहुत से लोग मिल जाएंगे जो कभी सफ़ल ही नहीं हो पाए क्योकिं उन्हें उनके हिसाब से कोई धंधा (व्यवसाय) नहीं मिल पाया।
जो व्यक्ति काम को छोटे और बड़े, ऊंच या नीच के नज़रिये से देखता है उसका असफ़ल होना तय है. कोई धंधा छोटा या बड़ा नहीं होता। आपका उस व्यवसाय को देखने का नज़रिया ही उस धंधे को छोटा या बड़ा बनाती है.
सड़क के किनारे चाय बेचने वाले व्यक्ति को देख कर बहुत से लोग कहेंगे की चाय बेचने का काम छोटा काम है, इस काम को तो मै बिलकुल नहीं करुंगा लेकिन वहीं किसी 5 सितारा (Five Star) होटल या फाइव स्टार ढावा में चाय बेचने वाले मालिक को देख कर लोग उसे बिजनेसमैन कहेंगे, बड़ा आदमी कहेंगे और उसकी तरह एक बिजनेसमैन बनना चाहेंगे । जब की उस व्यक्ति का भी काम चाय बनाने का ही है बस सामने वाले का देखने का नज़रिया और व्यवसाय करने वाले व्यक्ति का धंधा करने का तरीका अलग है.
👉 यह भी पढ़ें : Motivational Real Story In Hindi-Elon Musk
#2. मैं 5 लाख का सौदा करने आया हूँ और मेरी जेब में 5 फूटी कोड़ी नहीं है - त्रिशूल
लाजवाब ! यह डायलॉग सुन कर खुद में आत्मविश्वास की लहर दौर जाती है. यह डायलॉग हमें हिम्मत और आत्मविश्वास का एहसास दिलाती है.
बहुत से लोगो का मानना है की कोई भी बिज़नेस शुरू करने के लिए लाखों-करोड़ो रूपये की आवश्यकता होती है और बहुत से लोग इसी इंतजार में अपनी पूरी जिंदगी काट लेते है कि पहले 25 -30 लाख का इंतजाम हो जाए फिर अपना कोई काम शुरू करेंगे। और अंत में ना ही उनके पास बिज़नेस शुरू करने के लिए लाखों रूपये हो पाते है और ना ही वो खुद का कोई काम शुरू कर पाते है.
दोस्तों बहुत से ऐसे उदाहरण है जिन्होंने कम पैसे से ही अपने काम की शुरुआत की और आज बिज़नेस की दुनिया में उनका राज है.
बिल गेट्स किसी रईस माँ-बाप की संतान नहीं थे. उन्होंने भी अपने एक छोटे से गैरेज से ही बिज़नेस की शुरुआत की थी और आज उन्हें दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति का ख़िताब हासिल है. अमेज़न के फाउंडर जैफ बेज़ोस को कौन नहीं जनता। उन्होंने भी अमेज़न की शुरुआत एक छोटे गैरेज से की थी और आज दुनियाँ के सबसे बड़े ई-कॉमर्स वेबसाइट के मालिक और सबसे अमीर व्यक्ति है.
इसी प्रकार सैकड़ों उदाहरण है जिन्होंने 0 से शुरुआत की और आज हज़ारों करोड़ के मालिक है.
#3. बड़े से बड़ा बिज़नेस पैसे से नहीं, एक बड़े आइडिया से बड़ा होता है - बदमाश कंपनी
दोस्तों यह डायलॉग सच में अपने आप में बिज़नेस सीखने की एक पूरी किताब है. आपने बहुत से लोगो को कहते सुना होगा कि फलाने के पास बहुत पैसा था इसलिए आज वह एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन है.
दोस्तों सच तो ये है कि बहुत पैसा होने से बिज़नेस बड़ा नहीं होता, एक बड़े आइडिया से बिज़नेस बड़ा होता है.
एक सर्वे के मुताबिक हमारे देश में सालाना हजारों स्टार्टअप शुरू की जाती है. और उनमे से 90% स्टार्टअप अपने पहले 5 साल में ही फ़ैल हो जाते है. क्यों? क्योंकि हमारे देश में इनोवेशन पर ज्यादा काम नहीं होता। बाहर के देशों में पहले से चल रहे किसी बिज़नेस का मॉडल कॉपी करते है और भारत में लांच करते है. अमेज़न को कॉपी कर फ्लिपकार्ट बना डाला, उबर को कॉपी कर ओला और airbnb को कॉपी कर OYO बना डाली.
और फिर इन्ही तरह के और भी स्टार्टअप की शुरुआत हो जाती है और यही कारण होता है की 90% बिज़नेस फ़ैल हो जाते है.
तो कोई भी बिज़नेस पैसे से नहीं बल्कि एक बड़े आइडिया से बड़ा होता है
👉 यह भी पढ़ें :कहानी उस शख्स की, जिसने अपने बाएं हाथ से इतिहास रच दिया
Bollywood Famous Dialogues
#4. मैं उड़ना चाहता हूँ नैना दौड़ना चाहता हूँ गिरना भी चाहता हूँ बस रुकना नहीं चाहता - ये जवानी है दीवानी
यह एक कड़वा सच है कि बहुत से लोग अपने कम्फर्ट जोन से बाहर ही नहीं निकलना चाहते। पूरी जिंदगी एक ही जॉब में निकाल देते है.उन्हें लगता है की अगर यह नौकरी छोड़ दी तो इससे अच्छी नौकरी पता नहीं मिलेगी की नहीं, बिज़नेस करे तो बिज़नेस चलेगा की नहीं, बहुत मेहनत करनी पड़ेगी, फ़ैल हो गया तो क्या होगा इसी प्रकार के न जाने कितनी अनगिनत शंकाएँ और डर मन में संजोय रखते है और इसी डर के मारे ऐसे लोग अलग हट कर कुछ अलग करने की कोशिश भी नहीं कर पाते।
फिल्म ये जवानी है दीवानी का यह डायलाग “मैं उड़ना चाहता हूँ, दौड़ना चाहता हूँ गिरना भी चाहता हूँ बस रुकना नहीं चाहता” हमें जिंदगी के किसी भी पड़ाव पर रुकने की सलाह नहीं देता। भले ही आप दौड़ों, उड़ो, गिरों बस रुको मत. और यह तभी हो सकता है जब आप अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकल कर कुछ नया करने की कोशिश करोगे।
#5. कभी कभी नुकसान रोक लेना, फायदे से बेहतर होता है. - कलंक
कभी कभी नुकसान रोक लेना, फायदे से बेहतर होता है, क्या बात कही है.
बिज़नेस की दुनियां में यह डायलाग बिलकुल सटीक बैठता है. बिज़नेस में नफ़ा और नुकसान दोनों होते है. लेकिन व्यक्ति बिज़नेस में होने वाले नुकसान को रोक सकने की कला में निपुण हो जाए तो यक़ीन मानिये वह व्यक्ति हमेशा फायदे में रहेगा।
बिज़नेस में जरूरी नहीं की कस्टमर से ही पैसे ले कर आप मुनाफ़ा कमा सकते है. कभी कभी छोटे बड़े नुकसान रोक कर भी आप अपने बहुत सारे पैसे बचा सकते है.
👉 यह भी पढ़ें : 10 बेस्ट बिज़नेस आईडिया: घर बैठे करें अपना बिज़नेस
#6. तुम कभी जीत नहीं पाए क्योंकि तुम हमेशा मुझे हराने की सोचते थे, और मैं कभी हारा नहीं क्योंकि मैं हमेशा जीतने की सोचता था - रेस
आज दुनियाँ में हर व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को नीचे गिरा कर खुद आगे बढ़ने की कोशिश में लगा रहता है। व्यवसाय और नौकरी के क्षेत्र में भी यह बातें आम हो चुकी है. हर कोई अपने साथी को किसी न किसी तरह से पीछे धकेलने की कोशिश में लगा रहता है.
लेकिन जैसा की इस डायलॉग में कहा गया है “तुम कभी जीत नहीं पाए क्योंकि तुम हमेशा मुझे हराने की सोचते थे” ऐसा ही होता है. जाने अनजाने में व्यक्ति दूसरे को हराने के चक्कर में खुद का नुकसान कर बैठता है और हार जाता है. लेकिन जो व्यक्ति अपने मन में यह बात ले कर चलता है की उसे कड़ी मेहनत करनी है और आगे बढ़ना है वही व्यक्ति आगे बढ़ता है और जीतता है.